प्रीति ताम्रकार
🙏ओ नटखट कान्हा मुरलीवाले
मुझको अपनी राधा बना ले
पायल छनकाती पनघट पर जाऊंगी
जो गगरी फोड़ोगे तो भीग मै जाऊंगी
मुझे छेड़ देना बनके तुम ग्वाले
मुझको अपनी राधा बना ले
🙏ओ नटखट कान्हा मुरलीवाले
मुझको अपनी राधा बना ले।।
बंसी की धुन पर दौड़ी चली आऊंगी
सच मानो कान्हा में देर न लगाउंगी
चाहे तो एक बार मुझे आजमा ले
मुझको अपनी राधा बना ले
🙏ओ नटखट कान्हा मुरलीवाले
मुझको अपनी राधा बना ले।।
ओ मुरलीमनोहर यमुना के तट पर
मै बैठूं सिर तेरे कांधे पर रखकर
और तू मुझे भाषा प्रेम की सिखा दे
मुझको अपनी राधा बना ले
🙏ओ नटखट कान्हा मुरलीवाले
मुझको अपनी राधा बना ले।।
वृन्दाबन में सांवरे चांदनी रात हो
तेरा मेरा साथ हो,हाथों में हाथ हो
संग मेरे कान्हा रास तू रचा ले
मुझको अपनी राधा बना ले
🙏ओ नटखट कान्हा मुरलीवाले
मुझको अपनी राधा बना ले।।
हे कृष्ण तू तो जाने,हर पीर मेरे मन की
मै प्रेम की हूँ प्यासी,नही चाह मुझे तन की
इस जन्म से मुक्ति दे और अपना बना ले
मुझको अपनी राधा बना ले
🙏ओ नटखट कान्हा मुरलीवाले
मुझको अपनी राधा बना ले।।
–प्रीति ताम्रकार
जबलपुर