मंजूरी डेका
आप को यह जानकर हैरानी होगी कि प्राणायाम करने से जो लाभ होती है वहीं लाभ बस हंस ने से भी होता हैं। हंसने से *प्रायः 200 से भी यादा बीमारी से* आपको छुटकारा मिल सकता है। क्या आपको पता है कि खाना खाते समय कुछ और बात को सोचते रहना भी एक प्रकार का रोग ही है। *हास्य एक सर्वभौमिक भाषा है, जिसमें सबका हक है*। हंसने से मस्तिष्क एंव शारीरिक स्वास्थ्य को फायदा मिलता है साथ ही भिन्न समुदायों में सद्भावना,भातृत्तवाबोध आपसी संबंध सुमधुर करते है।
सन् 1998 से पूरे विश्व में मई के पहले रविवार को 'वर्ल्ड लाफ्टर डे' मनाया जाता है। इस दिन को मानने का उद्देश्य लोगों में हंसने के फायदों के प्रति जागरूक करना है।'लाफ्टर योगा' करने के बाद लोग दिन भर खुश व ऊर्जावान महसूस करने लगे और इस तरह कई लोग डॉक्टर साहब के ग्रुप में लोग जुड़ते गए। आज की इस तनावपूर्ण, प्रतियोगितामुलक होड़ में लोग हंसना भूल गए हैं।
हमारे समाज में हंसी एक दुर्लभ वस्तु के समान है जो कहीं - कहीं ही दिखाई देती है। बड़ों के सामने हंसो तो असभ्य, लड़की खिल खिलाकर हसेंगी तो चंचल और कोई ज्यादा हंसे ले तो गुरु गोसाई (भगवान) का वास नहीं है माने जाते थे। यही सिन अभी भी है,आज हमारे सभ्य समाज जिस्से कहते है वहां तो खुलकर हंसना मना है। लेकिन यही हंसी आपको आपकी तनाव,डिप्रेशन से दूर रखेगी।
हैल्थ एक्सपर्टस का कहना है कि खुलकर हंसना चेहरे के लिए एक अच्छा व्यायाम है जिसके कारण चेहरे पर रौनक बढ़ती है, वैसे भी देखा जाए तो हम सभीको मुस्कुराते हुए व्यक्ति ही पसंद है। इसलिए चलिए आज से कम से कम खुद के लिए प्रण लीजिए कि आप हसेंगे और क्या ठीक आपको देख कर कोई और भी हंसी को गले लगा लेंगे और पूरी विश्व में शांति और खुशियां ही खुशियां विराजमान होंगी।
मंजूरी डेका
शिक्षिका,
विश्वनाथ, असम