जय जय महाराणा प्रताप

कमलेश मुद्ग्ल

जय जय महाराणा प्रताप                              

 मेवाड की धरती पर

 जन्मा ऐसा वीर महान 

देश को, आप पर अभिमान                                               याद सदा ही रखे हम अपराजित,

 राजपुती स्वाभिमान

जय जय महाराणा प्रताप 

गुलामी करने को नहीं हुए तैयार                                       जंगल में रहना कर लिया स्वीकार                                          देश, धर्म, स्वाधीन की खातिर                                     न्यौछावर कर दिये प्राण

72 किलो का पहना कवच

81 किलो का भाला हाथ

रणभूमि में डटे रहे  ,

चेतक का लेकर साथ

विकट समय आने पर मत मानों हार

 मंजिल मिल जायेगी, 

परिश्रम करो दिन रात

जय जय महाराणा प्रताप

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