मीठा अहसास

 


अतुल पाठक "धैर्य"

प्यार लगे मीठा अहसास है,

दिल में रहने लगे जब कोई खास है।


इक ही सूरत नज़र आती दिन रात है,

मोहब्बत की पहली मुलाक़ात है।


दूर होकर भी रहता कोई पास है,

दिल की नज़दीकियों की यही बात है।


जज़्बात में लिपटी हुई प्यास है,

मेरी नज़रों को दीदार की आस है।


मेरी ख़ामुशी की जुबां सुन सके जो मुझको सिर्फ उसकी ही तलाश है।

मौलिक/स्वरचित रचना

@अतुल पाठक "धैर्य"

जनपद हाथरस(उत्तर प्रदेश)

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