इस बार ईद में भी ,ऐसे फासले हुए

 

डाःमलय तिवारी


रस्मो रिवाज़ बन्द ऐसे सिलसिले हुए। 


मजबूरियों से खत्म सारे हौसले हुए। 

मिलना गले तो दूर, मिले हाथ तक नहीं, 

इस बार ईद में भी ,ऐसे फासले हुए।। 

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दूरी बनायेंं लेकिन, दिल में दूरियाँ न हो। 

हालात चाहे जैसे हों, रुसवाइयाँ न हो। 

मुश्किल है दौर यारों, पर जीतेगा आदमीं ही, 

इन्शान क्या, जिसमें कि ऐसी खूबियाँ न हो। 

           राष्ट्र प्रेमी मुस्लिम भाइयों को भाई चारे के पर्व ईदुलफितर की मुबारकबाद।। 

          डाःमलय तिवारी

 बदलापुर जौनपुर

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