दया और सेवा भाव भरी थीं फ्लोरेंस नाइटेंगल,
आधुनिक नर्सिंग सेवा की जन्मदात्री नाइटेंगल।
आज 201 वीं जयंती मना रही है दुनिया ये पूरी,
अस्पताल में कोई सेवा बिन नर्सों के ना हो पूरी।
लेडी विद द लैंप नाम से मशहूर रही हैं नाइटेंगल,
12मई1820 इटली के शहर में जन्मीं नाइटेंगल।
शहर है फ्लोरेंस इस लिए नाम फ्लोरेंस नाइटेंगल,
1973 में केंद्र सरकार ने शुरू की नर्सेज योजना।
नर्सों के अनुकरणीय सेवा हेतुहै पुरस्कार योजना,
हाप्लोरेन्स नाइटेंगेल पुरस्कार की हुई है स्थापना।
प्रतिवर्ष अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस पर दिया है जाता,
सेवाभाव दया करुणा प्रेम से भरी नर्स को जाता।
फ्लोरेंस व्यू में रोगी के बुद्धिमान मानवीय प्रबंधन,
सबसे अच्छा बचाव जिस रोगी मेंहै कोई संक्रमण।
समाज के लिए इन नर्सों के योगदान को है नमन,
अस्पताल में नर्सेज हैं रोगी की सेवा करें लगा मन।
घरसे अच्छी सेवा होती देख रेख दवा उपचार करें,
हमें हसायें डाटें भी दवा खिलायें रोगीसे प्यार करें।
बड़ी महान होती हैं नर्सेज इनकी सेवा है अनमोल,
मनोवैज्ञानिक असर डालतीं बोलें मीठे मीठे बोल।
नर्सिंग स्टाफ के बिना चला ना कोई भी अस्पताल,
नर्सेज ही होती हैं जो बीच-2 में पूछें आ कर हाल।
ओपीडी मरीज हों या हों आई सी यू में भर्ती रोगी,
ऑपरेशन थियेटर में हों या सर्जरी बाद यह रोगी।
हर सेवा में नर्सेज अग्रणी रहती रोगी संग साथ रहें,
रोगी परिजनों के दुर्व्यवहार झेलें पर कुछ ना कहें।
कोरोना वारियर्स बनके कितनों की जान बचाई हैं,
इस कोरोना में नर्से सेवा देते अपनी जान गवाईं हैं।
डॉ.रोगी देखे दवा लिखे नर्स सेवा का ध्यान करो,
इन्हें करो न अपमानित इन नर्सों का सम्मान करो।
डॉ.विनय कुमार श्रीवास्तव
वरिष्ठ प्रवक्ता-पी बी कालेज,प्रतापगढ़ सिटी,उ.प्र.
पूर्व परियोजना प्रबंधक
फ़ेमिली प्लानिंग एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया-मुम्बई
संपर्क : 9415350596