गंगा सप्तमी पर विशेष
डॉ.अनिल शर्मा 'अनिल'
वैशाख का शुक्ल पक्ष,सप्तमी तिथि का दिन,
इसी दिन गंगा मैया, जाह्नवी कहलाई।
इस नामकरण की,कहता हूं मैं कहानी,
पढ़ी है किताबों में जो, विद्वानों ने सुनाई।।
राजा भगीरथ लाए,धरा धाम आई गंगा,
वेगवान प्रवाहित,जय श्री गंगा माई।
विशाल, पहाड़,वन, पत्थर चट्टानें बड़ी,
तोड़ती,उखाड़ती मां, संग में बहा लाई।।
बैठे हुए जप तप,करते थे जाह्नु ऋषि,
उनका कमंडल भी, बहाए लाई गंगा।
इससे क्रोधित ऋषि,ने पी लिया गंगाजी को,
पल भर में ऋषि ने,अब सुखाई गंगा।
प्रार्थना करने लगे,जाह्नु से भगीरथ जी,
उनको किया प्रसन्न,तब छुड़ाई गंगा।
कर्ण राह गंगा छोड़ी,जाह्नु ऋषि ने तब,
इसीलिए तो जाह्नवी,भी कहलाई गंगा।।
* डॉ.अनिल शर्मा 'अनिल'
धामपुर,उत्तर प्रदेश