विश्व में महान मेरा देश ही रहे


मुकेश गौतम

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रक्त सबके दिल में राष्ट्र प्रेम का बहे,

विश्व में महान मेरा देश ही रहे।

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जाति वर्ग भाषा भेद त्याग दीजिए,

राष्ट्र भाषा हिंदी को स्थान दीजिए। 

देव वाणी का तुम सम्मान कीजिए,

न सम्प्रदाय वाद को बढावा दीजिए।।

हिंदू-मुस्लिम-सिक्ख-ईसाई मिलके कहे 

विश्व में महान मेरा देश ही रहे,,,,,,,!

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संकीर्ण विचारधारा त्याग दीजिए,

ईर्ष्या द्वेष कलह को निकाल दीजिए।

खून सारे राष्ट्र का ही एक मानिए, 

सम्पूर्ण धरा को परिवार जानिए।।

जिओ और जीने दो की भावना रहे,

विश्व में महान मेरा देश ही रहे,,,,,,!

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लोकतंत्र जाति में सिमट गया क्यों,

देश सम्प्रदाय वाद में लिपट गया क्यों।

संस्कृति देश की क्यों घट रही हैं,

फैशन विदेशी क्यों खटक रही है।। 

बाजार स्वदेशी वस्तुओं का देश में रहे।

विश्व में महान मेरा देश ही रहे,,,,,,!

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क्यों युवा पीढ़ी रास्ता भटक रही हैं,

विचारधारा उनकी क्यूँ चटक रहीं हैं।

विश्व बन्धुत्व की भावना अटक गयी है, 

ऊर्जा मेरे देश की क्यूँ बट गयी हैं,

महानता चरित्र की मेरे राष्ट्र में रहे।। 

विश्व में महान मेरा देश ही रहे,,,,,,,!

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                         -रचनाकार

                        मुकेश गौतम

                   ग्राम डपटा बूंदी(राज)

                         17:05:2021

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