मेरे बाग के फूलों में ---
एक है सबसे प्यारा फूल
न सुरभि उसमे मोगरे की
न हरसिंगार जैसा रूप
न वह पीतवर्ण सूरजमुखी
न गुलाब की है खूबसूरती
शूल के मध्य बसेरा उसका
लाखों शूल हैं उसके साथी
असँख्य नन्हे शूल उसका घर
फिर भी खिलता इस उलझन में
तितली -भंवरों को नहीं भाता
ईश चरणों से वंचित रह जाता
फिर भी हौसलों का तूफ़ां भरता
उसूल जिंदादिली का वो रखता
बिना खाद पानी के डटे रहता
खिल के मरुभूमि में सुकूँ दे जाता
वह अकेला नागफनी का फूल
एटा उ. प्र.