मधु अरोड़ा
मां शारदे वर दे दो मुझको
शब्दों में अमृत भर दो ।
भाव अपने प्रगट कर पाऊं
निर्मल मेरी वाणी कर दो ।
मां शारदे वर दे दो मुझको ।
दिल न किसी का दुखाऊं में
इतनी दया दिल में भर दो
मां शारदे वर दे दो मुझको।
हंस वाहिनी वीणा वादिनी
जो भी लिखूं जैसा भी लिखूं,
शब्द मेरे अलंकृत कर दो ।
बस इतना मुझ पर ध्यान धरो
मां शारदे मां वर दे दो मुझको
शब्दों में अमृत भर दो ।
उदगार मेरे हो इतने कोमल
दिल में बसे सबके जाकर ।
मां शारदे वर दे दो मुझको
वरदहस्त मां तेरा रहे
शीश मेरा यूं झुकता रहे ।
बस तेरा प्यार मिलता रहे
कृपा की बरसात रहे ।
मां शारदे वर दे दो मुझको
शब्दों में मेरे अमृत भर दो।।
दिल की कलम से