ओम प्रकाश श्रीवास्तव ओम
हरे वृक्ष मानव तुम खूब लगाओ,
हरियाली से माँ वसुधा सजाओ,
जीवन से सभी संकट मिट जाएंगे,
केवल पर्यावरण को तुम बचाओ।
आज रोगों की बाढ़ धरा पर आई,
प्रदूषण के आतंक से धरा घबराई ,
प्रकृति के रोष में आने से ही देखो,
चारोंओर महामारी विकट है आई।
भविष्य के संकटों से धरा को बचाओ,
भारत माँ का आंचल पौधों से सजाओ,
विकास का पहिया चले खूब धरा पर,
लेकिन हरित सम्पदा को भी बचाओ।
आज धरा पर ऑक्सीजन संकट आया,
कितनी जिंदगियों को मौत नींद सुलाया,
प्रदूषण ने फेफड़ों को बरबाद है किया,
शुद्ध वायु की कमी से यह मंजर है आया।।
*ओम प्रकाश श्रीवास्तव ओम*
तिलसहरी कानपुर नगर