क्या दिल की बाज़ी फिर हार गए?

 


निवेदिता रॉय


शेर 

१.

सारे एहतमाम मुकम्मिल किए


हर रिवाज़ निभाते चले गए 


ये कदम ठिठक कर पूछा किए,


क्या दिल की बाज़ी फिर हार गए? 


एहतमाम-व्यवस्था 


🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺


२.

इस ख़ुशफ़हमी का वो रहे शिकार 


हमारी ज़िंदगी के जा़बित हैं सरकार


नाक़स रही फ़रियाद हमारी


जुल्मों की बढ़ गई मियाद तुम्हारी 



जा़बित-स्वामी अधिकारी , owner 


नाक़स-मूल्यहीन, has no value 

🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺


निवेदिता रॉय (बहरीन)

Popular posts
अस्त ग्रह बुरा नहीं और वक्री ग्रह उल्टा नहीं : ज्योतिष में वक्री व अस्त ग्रहों के प्रभाव को समझें
Image
गाई के गोवरे महादेव अंगना।लिपाई गजमोती आहो महादेव चौंका पुराई .....
Image
सफेद दूब-
Image
आपका जन्म किस गण में हुआ है और आपके पास कौनसी शक्तियां मौजूद हैं
Image
भोजपुरी भाषा अउर साहित्य के मनीषि बिमलेन्दु पाण्डेय जी के जन्मदिन के बहुते बधाई अउर शुभकामना
Image