ओम प्रकाश श्रीवास्तव ओम
मचा आज चारोंओर जग में हाहाकार,
हे पवनसुत दिखाओ तुम्हीं चमत्कार।
सारी दुनिया में देखो कोरोना छाया
मानवता पर भीषण कहर बरपाया,
चारो ओर त्राहि त्राहि है अब मच गई,
तेरी कृपा के सिवा सारी आशा मिट गई।
मचा आज चारोंओर जग में हाहाकार,
हे पवनसुत दिखाओ तुम्हीं चमत्कार।
जिसने जब श्रद्धा से बजरंग को पुकारा,
देव हो या हो मानव सबको दिया सहारा,
ला संजीवनी लक्ष्मण को मृत्यु से बचाया,
देवताओं का सारा भय तुमने ही मिटाया।
मचा आज चारोंओर जग में हाहाकार,
हे पवनसुत दिखाओ तुम्हीं चमत्कार।
श्री राम को हृदय में धारण करते हो,
भक्तों की रक्षा को सदा दौड़ पड़ते हो,
आज धरा पर भक्त कर रहे तेरी ही पुकार,
बिन तेरी कृपा छारहा चारो ओर अंधकार।
मचा आज चारोंओर जग में हाहाकार,
हे पवनसुत दिखाओ तुम्हीं चमत्कार।
रूप बदल कोरोना देखो हर बार आ रहा,
महादैत्यों से सकल आचरण है अपना रहा,
इस दैत्य से इस जगत को आप ही बचाओ,
अपनेभक्तों का संताप हनुमत तुम्हीं मिटाओ।
मचा आज चारोंओर जग में हाहाकार,
हे पवनसुत दिखाओ तुम्हीं चमत्कार।
ओम प्रकाश श्रीवास्तव ओम
तिलसहरी कानपुर नगर