अति सौम्य है दृश्य ये प्यारा
पर कुछ पल ही रह पाता है
इसको देखूँ खूब निहारूँ
मानों हमसे कुछ कहता है
इसकी लाली बड़ी निराली
छाँ जाती पूरी बसुधा पर
जिसे देख करती कलरव है
चिड़िया पेड़ों के ऊपर
नदियों की पानी की हलचल
दृश्य देख मानो रूक जाती
पवन चले है मन्द- मन्द जो
जिससे दिल को चैन है आती
पर मन में एक डर सा रहता
अब ये पल जाने वाली है
इस सुन्दर तस्वीर के बाद
रात तो अब आने वाली है
यही नियम तो है प्रकृति का
रात-दिवस आते रहता है
इसी तरह से तो जीवन में
सुख-दुख भी आते रहता है
विंध्यवासिनी तिवारी 'बिन्नी'
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