मदर डे


ममा  मेरी   है  बहुत प्यारी,

लगे दिखने में  राजकुमारी।


रंग बिरंगी   महक   बिखेरे,

सुंदर  फूलों  की  है क्यारी।


जी भर  कर  लाड़  लड़ाती,

लगती मुझको सबसे न्यारी।


दिनभर  करती  मेरा  काम,

मेरी   माता   बहुत  दुलारी।


सेवा   मेरी   करती   रहती,

लगे न उनको कोई बीमारी।


सबका वो रखती है ख्याल,

करवाती मुझको घुड़सवारी।


मनसीरत को  करती प्यार,

मदर  डे  पर  देती  हूँ पारी।

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सुखविंद्र सिंह मनसीरत 

खेड़ी राओ वाली (कैथल(

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