कोरोना से बचाव एवं आत्मबल को बढ़ाने का सन्देश देती कोरोना काल में घटित घटनाओं पर आधारित काव्य संकलन
आशीष भारती
सिंबल ऑफ नॉलेज", *भारत रत्न* बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर जी की 130 वीं जयंती के अवसर पर डॉ राधा वाल्मीकि द्वारा लिखित पुस्तक " फुर्सत के लम्हे" (कोरोना कालीन काव्य सृजन) एकल कविता संग्रह का भव्य विमोचन उधम सिंह नगर (उत्तराखंड) के विद्वत गणमान्यजनों के कर कमलों से पन्तनगर में सम्पन्न हुआ। रवीना प्रकाशन दिल्ली द्वारा प्रकाशित इस पुस्तक के भव्य विमोचन में बाबा साहब डॉ भीमराव अम्बेडकर जयन्ती समारोह समिति के सदस्यों के साथ-साथ पं.गो.वल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, पंतनगर के कुलपति महोदय, क्षेत्रीय विधायक राजेश शुक्ला जी, उधम सिंह नगर नगरनिगम की पूर्व मेयर मीना शर्मा जी सहित कई गणमान्यजनों ने पुस्तक के विमोचन में अपना योगदान दिया तथा कोरोना की त्रासदी झेल रहे लोगों का मनोबल बढाकर उससे बचाव का संदेश देने वाली इस पुस्तक की भूरी -भूरी प्रशंसा भी की।
डॉ.राधा वाल्मीकि द्वारा रचित इस पुस्तक की भूमिका लिखने का कार्य सहारनपुर के साहित्यकार आशीष भारती ने किया है। इस काव्य संग्रह में कोरोना काल के प्रारंभ से लेकर अब तक उत्पन्न विभिन्न समस्याओं एवं विषयों पर प्रकाश डाला गया है।
कवयित्री द्वारा रची गई कविताऐं अपना ध्यान रखो ना, इन पर कुछ तो रहम करो ना, कोरोना के कर्मयोगी, रिश्ते हो रहे लहुलुहान, बेजुबान भी भूखे हैं, लॉकडाउन का पालन कर लो, देश के प्रहरी, फुर्सत के लम्हे, हमारे असली नायक, मेरे देश का गरीब बचपन, भीड. लगी मधुशाला में, प्रकृति खुशहाल हुई, रोटियों से सस्ती मजदूर की जिन्दगी, अर्थव्यवस्था हो रही खस्ता, लॉकडाउन और शिक्षा, मानवता शर्मसार हुई, उम्मीद का दामन थाम के आदि कविताऐं सोशल मीडिया पर भी अपनी जगह बनाकर पसंद की जाती रही है कई रचनाएं सोशल मीडिया के माध्यम से आनलाईन सम्मानित भी हो चुकी हैं कुछ सम्मान पत्रों को पुस्तक में संजोया गया है। जिससे प्रभावित होकर लेखिका को यह पुस्तक प्रकाशित कराने की प्रेरणा मिली और आज यह पुस्तक भव्य विमोचन के बाद आप सभी के हाथों में पहुंचने के लिए बाजार में उपलब्ध हो चुकी है।
पूर्व में उच्च शिक्षित उत्तराखंड गौरव डा.राधा वाल्मीकि शिक्षा, साहित्य एवं समाज सेवा के क्षेत्र में भी अनेकों राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय सम्मान प्राप्त कर चुकी हैं तथा इनकी बायोग्राफी विश्व की 101 महान हस्तियों में शामिल होकर अफ्रीका की प्रूडेंट पैन कम्पनी द्वारा प्रकाशित गोल्डन बुक आफ अर्थ में भी प्रकाशित हो चुकी है। इस पुस्तक के अतिरिक्त इनकी दो पुस्तकें अंतर्मन की पीड़ा (एकल काव्य संग्रह) एवं हरसिंगार (सम्पादन) प्रकाशित हो चुकी हैं तथा एक अन्य पुस्तक स्वराज प्रकाशन दिल्ली द्वारा प्रकाशन प्रक्रिया में है। लेखिका डा. राधा वाल्मीकि ने काव्य संग्रह के सफल प्रकाशन पर रविना प्रकाशन दिल्ली का हार्दिक आभार प्रकट किया है।
नोट: - प्रबुद्ध पाठक वर्ग से भी निम्न सम्पर्क सूत्रों 9720460708, 7668418588 पर प्रतिक्रिया की अपेक्षा की है। यह पुस्तक रविना प्रकाशन दिल्ली 9205127294 से उपलब्ध हो सकती है।
✍️ *आशीष भारती*
लेखक/कवि/समीक्षक
मो.7830262142, 7668418588
सहारनपुर (उत्तर प्रदेश)