मनीषा कुमारी
वक़्त ने आज सबकी क़ीमत बता दी
वक़्त ने आज सबकी असलियत दिखा दी
अगर दुश्मन हो गया सारा जमाना तो क्या हुआ
वक़्त ने आज सच और झूठ की कीमत बता दी
बेगुनाहों को भी आज सज़ा मिलती हैं यहाँ
बेकसूरों को भी कसूरवार बनाया जाता हैं यहाँ
झूठ को सच बनाकर खरीदा जाता हैं यहाँ
पैसों पे इंसानियत बिकती हैं अब यहाँ
अपना - पराया कौन है वक़्त ने आज पहचान करा दी
कौन साथ हैं कौन स्वार्थ से है वक़्त ने आज प्रमाण दे दी,
कौन राहों पे फूल बिछाये कौन काँटे लगाये है यहाँ
वक़्त ने सबसे इस दुनियां में आज परिचित करवा दी
मनीषा कुमारी
मुंबई