आज हमारे विवाह की वर्षगाँठ हैं
सभी मित्रों से आशीर्वाद की आकांक्षा हैं
साथ आपका मिलने से ही, जीवन का गुल गुलजार हुआ।
उर की शुप्त शिराओं में इस, नव शोणित का संचार हुआ।
पतझड़ से सूने इस मन में, नई बहारे तुम लायी हो।
मृगसिरा से तपते हृदय में, आद्र फुहारे तुम लायी हो।
हमसफर मुझे चुनने के लिए, हमसफर तेरा आभारी हूँ,
तुम शिलालेख हो जीवन का, मैं खबर एक अखबारी हूँ।
हैं साथ दिया तुमने मेरा, हर सुख,दुःख, हार, जीत में भी।
रही संग सदा ही तुम मेरे, हर अभाव, वैर, प्रीत में भी।
ये जीवन धन्य हुआ मेरा, हमराह मेरे तुम को पाकर।
ये काव्य कला समृद्ध हुई, गीतों में तुम को ही गाकर।
अरदास यही परमेश्वर से, इस उपवन में दो सुमन खिले।
मधुमास हो आँगन में सदा, हर जन्म में तेरा साथ मिले।
अब साथ आपका पाकर के, ये जीवन धन्य हमारा है।
ये नेह हमारा अमर रहे, जब तक गंगा में धारा है।
अवनीश त्रिवेदी"अभय"
राखी त्रिवेदी
दि ग्राम टुडे प्रकाशन समूह परिवार की ओर से त्रिवेदी दम्पत्ति को वैवाहिक वर्षगांठ की हार्दिक शुभकामनाएं बहुत बहुत बधाई