समस्त मातृ शक्तियों को समर्पित
मधु अरोड़ा
गंगाजल सी पावन मां ,निर्मल नीर सी प्यारी मां
गर्मी में सुखद एहसास मां, ममता की मीठी छांव मां।
मां ममता की अद्भुत खान ,मां पर वारूंसारा जहान
मां जीवन का आधार बिन मां के सूना संसार।
मां की खुशबू मां का प्यार ,अबोधबालक भी ले जाना
प्यार के सुगंधित आंचल को थाम ,पा जाए वह चैन अपार।
मां बच्चों की जान है ममत्वकी वह खान है,
संस्कारों से पूरित करती उसकी क्या फिर बात है।
मां की ममता अच्छे मीठे ,एहसास का छाता ,
बुरी नजर से वह बचाता है ,प्यार का एहसास दिलाता है।
मां से बड़ी कोई सौगात नहीउससे मजबूत पतवार नहीं
परिश्रम उसकी पूंजी प्यार उसका गहना है ऐसी ममतामयी मां का फिर क्या कहना है।।
दिल की कलम से