माया शर्मा
हाँक माई लगावल खता हो गइल।
सब कहेला गँवारे पता हो गइल।।१।।
लेइ काँखे-पिठइयाँ चले ऊ कबो,
हाथ अँङुरी धरावल हवा हो गइल।।२।।
आजु मम्मी कहाली अउर माम सब,
लोग फैसन बना के भला हो गइल।।३।।
दूध माई क बड़हन रहल कर्ज तब,
आजु ओके चुकावल बुरा हो गइल।।४।।
पालि के पोंसि के ऊ सयाना करें,
साथ उनके निभावल मना हो गइल।।५।।
माया शर्मा,
पंचदेवरी,गोपालगंज(बिहार)