प्रेम बजाज
फूलो- फलो, सदा जीवन में सारी खुशियां पाओ,
क्या तोहफा दूं मैं तुम्हें, तुम्हारे लायक कोई ऐसा तोहफा नहीं,
फूलों की क्या औकात सामने तुम्हारे,
तुम खुद फूलों का चमन हो,चांद - सितारे भी लगे
फीके, तुम सितारों से भरा ऐसा गगन हो।
कामयाबी कदम चूमे मेरे दोस्त के, देते हैं ये दिल से दुआएं,
खुशियों के झूले में झूलो सदा, कभी कोई दुःख ना करीब आए,
आसमान की बुलंदियों को छू लो, ऐसा जीवन में काम करो,कलम तुम्हारी चलती रहे ताउम्र, साहित्य में हासिल मुकाम करो।
नक्शे-कदम चूमे जहां ये सारा, ऐसा जग में नाम करो।
हो उजियारी रात अमावस की, बसंत जैसा महके हर दिन,
सदा रहे अपनों का साथ, मांगते हैं ये रब से दुआ हम हाथ उठा कर,
हर चेहरे पर लाओ मुस्कान, मिले कामयाबी का हर संभव मुकाम।
करूणा, दया, प्रेम- प्यार की रीत निभाते रहो, फूलों के जैसे
फैलाओ सुगंध,तारों के जैसे जगमगाते रहो,
जीओ ए दोस्त हजारों बरस, यूं ही जन्म दिन मनाते रहो।
दि ग्राम टुडे प्रकाशन समूह परिवार की ओर से भी आपको जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं बहुत बहुत बधाई