कवि डा.लवेश राठौर की रचनाएं

 



ये प्यार इक अहसास है


है दूर फिर भी पास है ।।१


इक बुलबुला है जिंदगी

कब छूट जाये सांस है ।।२


वो बूंद देकर जा रहे

रखते जो सागर पास है।।३


जो आग है सबके लिए

हमको उसी की प्यास है।।४


कायम है जलवा आज भी

आशिक तुम्हारा दास है।।५



आग मे हाथ डालना सीखा


शेर आँगन में बाँधना सीखा।।१


जोश ठंडा कभी नहीं होगा

खून हमने उबालना सीखा।।२


प्यार के हम बडे़ हैं बाजीगर

जीत के तुम से हारना सीखा।।३


थक गये जब सभी तरीकों से

फिर अदाओं से मारना सीखा।।४


हम उसी डाल के परिंदे हैंडसेट

बैठ उसको ही काटना सीखा।।५


डा.लवेश राठौर

खरगोन

Popular posts
अस्त ग्रह बुरा नहीं और वक्री ग्रह उल्टा नहीं : ज्योतिष में वक्री व अस्त ग्रहों के प्रभाव को समझें
Image
गाई के गोवरे महादेव अंगना।लिपाई गजमोती आहो महादेव चौंका पुराई .....
Image
सफेद दूब-
Image
आपका जन्म किस गण में हुआ है और आपके पास कौनसी शक्तियां मौजूद हैं
Image
भोजपुरी भाषा अउर साहित्य के मनीषि बिमलेन्दु पाण्डेय जी के जन्मदिन के बहुते बधाई अउर शुभकामना
Image