ब्रह्मसूत्र जब दर्शन माना ।
बादनारायण ने यह ठाना ।।
भिक्षु सूत्र उत्तर मीमांसा।
वेदांत सूत्र उत्तम रासा ।।
भाष्य लिखे इस पर विधि नाना।
उपनिषद भाव दर्शन जाना ।।
एकीकृत हुए लोक विचारा।
अति बृहद ब्रह्मसूत्र सहारा ।
श्रुति स्मृति और न्याय प्रस्थाना।
तार्किक गुण भंडार समाना।।
है विभाजित चार अध्याया।
सूत्र पाँच सौ वैदिक माया।।
यह सिद्धांत समन्वय सारा।
कठिन प्रतीत हुए ज्यों तारा।।
बिन व्याख्या क्या अर्थ निकाले।
अलग-अलग क्यों व्याख्या डाले।।
विरोधी वेदांत प्रतिपादन।
सब प्रमाण करते संपादन। ।
सूत्र ब्रह्म की गाये गाथा।
पूरित ब्रम्हसूत्र की काथा।।