गोविन्द कुमार गुप्ता
कोरोना इस वर्ष बहुत ही भयंकर तरीके से चुपचाप आया और सम्भलने का अवसर भी नही दिया देखते ही देखते हॉस्पिटल फूल हो गये ओर ऑक्सीजन दवाओं की भारी किल्लत हो गई लोग 10 रुपये की चीज 100 में बेचने लगे ऐसे में समाज के कुछ लोग सामने आये जो मदद कर सकते थे वह फेसबुक और वाट्सअप पर नजर रखते थे और जैसे ही किसी व्यक्ति की कोई अपील होती थी कि बेड ,दवा,ऑक्सीजन नही मिल रही तुरन्त उसकी व्यवस्था में लगते थे यह व्यवस्था 90 प्रतिशत सफल रही क्योंकि जरूरत बाले व्यक्ति की ही मदद हो रही थी ,विभिन्न ग्रुपो के माध्यम से ,घर मे भोजन,दवा,व अन्य मदद का भी कार्य किया जा रहा है चूंकि सामाजिक दूरी का भी ख्याल रखना है इसलिये इंटरनेट के यह मंच बहुत काम आ रहे है दूर से भी लोगो की मदद हो जाती है,लोग एक दूसरे को मोटिवेट भी कर रहे है ,मानसिक मोटिवेशन व योग द्वारा शरीर को स्वस्थ कैसे रख्खे आदि विषय पर निशुल्क व्याख्यान व कैम्प चल रहे है,
वास्तव में कुछ लोग दुरुपयोग करते ही है सुविधाओ का पर सदुपयोग बहुत से लोग करते है ,
आज वाट्सअप पर बने ग्रुप लोगो तक मदद पहुंचाने का कार्य कर रहे है,
घरों में भोजन की व्यवस्था जो घरों में स्वस्थ्य लाभ ले रहे है उन कोरोना पॉजिटिव के घर तक भोजन पहुंचाया जा रहा है ,रोटी बैंक के माध्यम से घर घर से एकत्र भी हो रहा है,
आइये इस अवसर पर एक नायक की भांति आज से ही करे एक नेक शुरुवात कभी भी कोई भूँखा न सोये ऐसे को चिन्हित करें मेला नही किसी एक व्यक्ति की मदद करे,,
गोविन्द कुमार गुप्ता,
लखीमपुर खीरी उत्तर प्रदेश