सावरकर जयंती पर विशेष
डॉ.अनिल शर्मा 'अनिल'
हे क्रांतिकारी, सावरकर जी! अद्भुत साहसी, इतिहासकार।
चिंतक,विचारक तुम महान, कविमना और साहित्यकार।।
लंदन में रहकर लिखते रहे, कविताएं लेख क्रांतिकारी।
जिनसे ब्रिटिश बौखलाते थे, लेखन रखा अविरल जारी।।
अट्ठारह सौ सत्तावन का, स्वातंत्र्य समर इतिहास लिखा।
इस पुस्तक में ब्रिटिश शासन को,राजद्रोह का प्रयास दिखा।।
एक भारतीय राष्ट्रभक्त कौन? ढूंढ़ो, जासूस लगाए गये।
इसके लेखक, विनायक दामोदर सावरकर
पाए गये।।
दो बार आजन्म कारावास की,सजा मिली काला पानी।
अंडमान जेल में बंद रहे, सावरकर वीर स्वाभिमानी।।
कष्ट अनेक सहे लेकिन,वह किसी के आगे
झुके नहीं।
था लक्ष्य बना जो जीवन का,उस राह बढ़े वह रुके नहीं।।
हिन्दुत्व,हिंदुपदपादशाही,कमला,गोमांतक,
उत्तर क्रिया।
उ:श्राप, विरहोच्छवास आदि कृतियों का आपने सृजन किया।।
हैं अमर वीर सावरकर जी, हैं अमर आपके काम,नाम।
अट्ठाइस मई, जयंती पर,करते हैं आपको प्रणाम।।
* डॉ.अनिल शर्मा 'अनिल'
धामपुर, उत्तर प्रदेश