मदद के लिए जब 1 KM दौड़ा जवान
डिब्बे में थीं कोरोना की दवाइयां;
DIG से मिला सम्मान
ब्यूरो रिपोर्ट
प्रयागराज। में लोक सेवा आयोग चौराहे पर ड्यूटी पर तैनात होमगार्ड नान बाबू ने कुछ ऐसा कर दिखाया कि न सिर्फ विभाग के बड़े अधिकारी उस पर नाज करने लगे बल्कि खाकी का भी उसने मान बढ़ाया है। शनिवार की शाम चार बज रहे थे। लॉकडाउन की वजह से रोज की तरह सड़क पर इक्का-दुक्का गाडियां ही दौड़ रही थीं। इसी दौरान आयोग चौराहे से एक कुरियर ब्वॉय गुजरा। उसके बैग में काफी सामान था।
तभी नान बाबू ने देखा कि कुरियर वाले के बैग से एक डिब्बा गिर गया। वह बाइक से था। देखने पर लगा कि डिब्बे में जरूरी दवाइयां थीं। नान बाबू को लगा कि इस समय कोविड काल में दवाइयों का टोटा है। कई जरूरी दवाइयां बाजार से गायब हैं। जरूर यह किसी गंभीर मरीज के लिए बाहर से मंगवाई गई होंगी।
इससे पहले कि वह उसे आवाज लगाता कुरियर ब्वॉय आगे बढ़ गया। नान बाबू ने आवाज लगाई पर उसने नहीं सुनी। फिर क्या था? होमगार्ड ने उसके पीछे दौड़ लगा दी। वो एक किलोमीटर तक आवाज लगाते रहे। हनुमान मंदिर चौराह तक पीछा करने के बाद कुरियर ब्वॉय उनकी पुकार सुन सका।
जब नान बाबू ने कुरियर ब्वॉय को बताया कि यह आपका सामान लोक सेवा आयोग चौराहे पर गिर गया था तो उसके मुंह से निकला अरे बाप रे। भाई धन्यवाद। अगर आज यह डिब्बा खो जाता तो मेरी नौकरी चली जाती। उसकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। कुरियर ब्वाॅय उसे सौ रुपए खुशी से देने लगा तो हाेमगार्ड ने कहा नहीं भाई यह मेरी ड्यूटी का हिस्सा है। इसमें इनाम क्या। आपका सामान आप तक पहुंच गया समझो मुझे इनाम मिल गया।
नान बाबू की ईमानदारी की यह खबर जब पुलिस विभाग के वरिष्ठ अफसरों तक पहुंची तो सभी ने उसकी तारीफ की। SSP ने यह वाकया जब DIG को साझा किया तो उन्होंने कहा कि होमागार्ड नान बाबू को मेरे पास बुलवाओ। ये ईमानदारी और ड्यूटी की मिसाल है। उसे सम्मानित किया जाएगा।
*होमगार्ड नान बाबू बोल रहे हैं.....जी... आपकाे DIG साहब ने बुलाया है*
रविवार को रोज की तरह नान बाबू ड्यूटी के लिए तैयार हो रहे थे। उनके फोन की घंटी बजी। हेलो...आप होमगार्ड नान बाबू बोल रहे हैं...जी...आपको DIG साहब ने बुलाया है। आप तुरंज हाजिर होइए। ये सुनना था और नान बाबू का हाथ-पांव कांपने लगे। सोचे क्या गलती हो गई जो DIG साहब ने बुलाया है। लगता है कि अब तो नौकरी गई। अब क्या होगा। परिवार कैसे पलेगा। फिलहाल वो DIG साहब के दफ्तर की तरफ चल दिए। मन में तरह-तरह का डर व्याप्त था।
खैर, दफ्तर पहुंचने पर संतरी ने थोड़ा इंतजार करने को कहा। संतरी ने DIG साहब को नान बाबू के आने की जानकारी दी। अरे, उसे रोक क्यों दिया। बुलाओ उसे। नान बाबू डरते हुए पेश हुए। जय हिंद सर। मैं होमगार्ड नान बाबू। कैसे हो नान बाबू। ठीक हूं साहब। आपकी दया है। तुमने लोक सेवा आयोग चौराहे पर जो ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा की मिसाल पेश की है उसके लिए विभाग ने आपको सम्मानित करने का निर्णय लिया है।
इतनी देर में SSP भी वहां पहुंच गए। दोनों ने होमगार्ड को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। सम्मान पाकर नान बाबू की खुशी का ठिकाना न रहा। भावुक हो गए और आंख डबडबा गई....। कहा-साहब ये मेरे जीवन का सबसे बड़ा दिन है।