मधु अरोड़ा
जग की रीत अनोखी देखी, जैसा मौका मिले बोल
मधुर मधुर बोल तू बोल ,वाणी में अमृत घोल।।
वाणी में अमृत घोल ,कभी डांट डपट के बोल
काम अगर अपना हो तो, मिश्री सा तू बोल।।
चतुर सुजान देखे यहां ,करते चतुर व्यवहार।
मैं तो एक नादान हूं ,प्रभु वर् धर लो मेरा ध्यान।।
दिल की कलम से