• रेखा रानी
एक पहल मुझको है करनी।
एक पहल तुमको है करनी।।
अपने बेहतर कल की खातिर।
सुखमय सुंदर पल की खातिर।
शुद्धिकरण अब करना होगा,
हवन-यज्ञ भी करना होगा।
प्राणवायु की वृद्धि हेतु नित
पौधारोपण अब करना होगा।
तन-मन स्वस्थ रहे इस खातिर
योगासन, ध्यान करना होगा।
जुड़े रहें वेद परम्परा से हम,
ग्रंथों को पढ़ना-गुनना होगा।
गीतों में बसी प्राचीन परम्परा,
फिर से हमको जीवित करनी।
एक पहल मुझको है करनी,
एक पहल तुमको है करनी।
नीम-पीपल संरक्षण की खातिर,
फिर अभियान चलाना होगा।
रिश्तों में दादी-नानी, काकी को
फिर से शामिल करना होगा।
अपने प्यारे मीठे वचनों से,
उर जमी धूल धोनी होगी।
रिश्तों की टूटी बिखरी माला ,
शुभ 'रेखा' हमें पिरोनी होगी।
अब टूटी हुई कड़ी है भरनी।
एक पहल हमको है करनी।।
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शिक्षिका, अमरोहा (उ.प्र.)