साहित्यिक परिचय : नीतू झा

नाम :  नीतू झा 

जन्मः 17 अगस्त 1987

निवास स्थान: पुष्पा भवन,नई दिल्ली

 ईमेल एड्रेसःgudmegud@gmail.com

मोबाइल नंबर:8800739703

प्रकाशनः अखण्ड भारत त्रैमासिक पत्रिका , विश्व गाथा, नारी तू कल्याणी, निर्दलीय, स्वतंत्र दस्तक, इंदौर समाचार,दक्षिण साहित्यिक पत्रिका एवं अनेक पत्र-पत्रिकाओं और वेबसाइटों पर अनेकों रचनाएं प्रकाशित । 

सांझा काव्य संग्रहः स्पंदन, उत्तराखंड की जिया।

अखण्ड भारत त्रैमासिक पत्रिका की संरक्षक ख्यात नीतू झा लेखन एवं काव्य प्रस्तुति के क्षेत्र में कवितायें एवं लेखों का सतत लेखन एवं प्रकाशन में संकलन है।


नीतू झा की रचना


 क्रूर जमाना और तुम

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यह कैसा क्रूर जमाना है

जब बूँद बूँद के लिए आदमी तरस रहा


वैसे तो विजय चांद पर भी पाली उसने

पर धरती यह जो उसकी जन्मदात्री है

जल रही और जल रहे पुत्र उसके प्यारे


यों तो बहुत तरक्की की है 

ज्ञान और विज्ञान ने

साधन बहुत जुटाये हैं उनने 

सुविधा के लिए मनुज की

सारे विलास की चीजें उसके लिए 

सहज उपलब्ध कराई

फिर भी क्या कह सकते हो 

वह सुखी और सब चिंताओं से मुक्त है ?


अब देखो इसी महामारी कोरोना को

कितनी मौतें हो रही रोज और सब 

लाचारी महसूस रहे ।


पत्थर को कोई पूज रहा 

कोई पुकारता ईश्वर को

विज्ञान विवश चुपचाप सभी कुछ देख रहा


इसलिए मनुष्यों सावधान अब हो जाओ

यह सभी तुम्हारी ही बेजा करतूतों का फल है ।

जब तक न सुधारोगे खुद को

और बाज नहीं आओगे अपने दुष्कर्मों से

तब तक ऐसे ही ऐसे ही तुम 

हरदम मरते जाओगे

और विज्ञान भी बेबस हो 

कुछ कर ना पायेगा ।


वैसे कह सकते हो 

यह कैसा क्रूर जमाना है

पर इसके दोषी तुम खुद हो ।

हाँ , तुम खुद हो ।

--✍️नीतू झा

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