ओम प्रकाश श्रीवास्तव ओम
आओ सब मिल अपना पर्यावरण सजाएं
हर उत्सव त्योहार एक पेड़ लगाएं लगाएं।
अंतर्मन से हम पर्यावरणदिवस मनाए ,
अपनी धरती मां को हरियाली से सजाएं ।
जग में जब चारों ओर हरियाली होगी
धरा व नभ में चिड़ियों की कलरव होगी।
हरेभरे बागों में कोयल की कूक गूंजेगी,
शुद्ध हवा सब पर अमृत छिड़केगी।
धरा की रचना शुद्ध हवा जब पाती,
निज काया से सारे रोगों को दूर भगाती।
सकल जीवमंडल को भी यह हंसाती,
सृष्टि की नियत आयु सबको दिलाती।
कह 'ओम' बन्द करो पौधों का नाश,
कालांतर होगा इसी से मानवता का विनाश।
मिलकर हो जैव विविधता का विकास।
स्वस्थ काया संग हो मगद का विकास।
रचनाकार:- ओम प्रकाश श्रीवास्तव ओम
तिलसहरी, कानपुर
9935117487