माँ की ममता

श्वेता शर्मा 

माँ की ममता है अपार

निस्वार्थ और निराकार

तू कल जैसी थी 

आज भी वैसी है

 देखे तेरे रूप हजार 

पर बदला नही

कभी तेरा  प्यार

चंडी बन हक पाना सिखाया

प्यार से जग में जीना सिखाया

माँ की ममता है अपार

निस्वार्थ और निराकार

माँ तू है ममता की मूरत

भोली भाली तेरी सूरत

कभी न बदले तू अपना व्यवहार

माँ की ममता है अपार

युग बदला लोग बदले

पर कभी न बदली 

माँ की परिभाषा

प्रेम ही है माँ की भाषा

माँ की ममता है आपार

माँ की ममता है अपार।।

श्वेता शर्मा 

रायपुर छत्तीसगढ़

स्वरचित

Popular posts
अस्त ग्रह बुरा नहीं और वक्री ग्रह उल्टा नहीं : ज्योतिष में वक्री व अस्त ग्रहों के प्रभाव को समझें
Image
गाई के गोवरे महादेव अंगना।लिपाई गजमोती आहो महादेव चौंका पुराई .....
Image
साहित्य समाज का आईना होता है। जैसा दिखता है, वैसा लिखता है : छाया त्यागी
Image
दि ग्राम टुडे न्यूज पोर्टल पर लाइव हैं अनिल कुमार दुबे "अंशु"
Image
सफेद दूब-
Image