जिन्दगी सम्मान मे जीयो


जिन्दगी सम्मान में जीयो

पिछे छोड़ वर्तमान में जीयो

जिल्लत की जिन्दगी क्या जीना

एक दिन ही पर शान में जीयो

करो कर्म कुछ इस तरह से

हर एक के अरमान में जीयो


बहुत भागम भाग हुआ दोस्तों

अब से भी इत्मीनान में जीयो

जिन्दगी में बदलाव आतें हैं “नूरी”

लाक डाउन है गुमनाम में जीयो

नूरफातिमा खातून “नूरी”

जिला -कुशीनगर

उत्तर प्रदेश

मौलिक/ स्वरचित

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