पिंकी सिंघल
ये
दिल मेरा
घबराता बहुत है
न जाने
क्यों
है
हर तरफ़
एक बेबसी सी
हर इंसा
परेशान
सब
कर रहे
बस दुआ हैं
दिल से
अपने
खत्म
हो ये
कहर महामारी का
बहुत हुआ
बस
धैर्य
जांच रहे
ईश्वर भक्तों का
उत्तीर्ण होंगे
हम
है
पूरा विश्वास
मन में हमारे
हार नहीं
मानेंगें
जैसे
अब तक
डटे रहे हम
आगे भी
रहेंगे
जज़्बा
जीतने का
कम न होगा
जीत जश्न
मनायेंगे
रखकर
सकारात्मक सोच
इस विपदा को
जड़ से
मिटायेंगे
पिंकी सिंघल
अध्यापिका
शालीमार बाग
दिल्ली