चांद तुम बहुत खास हो.....

 

स्वपना सलोनी

 काली अंधेरी रात में , 

रोशनी का एक एहसास हो, 

अंधकार के मध्य से उभरी ,

हम सब की एकमात्र आस हो , 

चांद तुम बहुत खास हो| 


एक प्रेमी की कल्पनाओं में ,

सौंदर्य का अनंत भंडार हो ,

कवियों की असंख्य रचनाओं की, प्रेरणा एवं अनुपम आधार हो ,

चांद तुम बहुत खास हो|


 ईद या करवा चौथ की रात में ,

सबके लिए पूज्य और आस्था का आधार हो ,

हर रात अपनी अलग निरुपम छवि दिखाते हो ,

चांद तुम बहुत खास हो|

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