बिजेन्द्र कुमार तिवारी
नहीं धर्म, नहीं मजहब की.. मैं कथा सुनाने आया हूं
जागो ऐ भारत के बेटों... तुझे जगाने आया हूं
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जाति धर्म में बांट लड़ाए, तुझको जहां फिरंगी
फिर सत्ता को पाने हेतु, रूप धरे बहुरंगी
अपने स्वारथ की खातिर वो निशदिन तुम्हें लड़ाते हैं
तेरे नफरत की ज्वाला को हवा देई भड़काते हैं
इनको चिंता नहीं है यारों, समरस सजग समाज की
इनको तो बस पड़ी है देखो, अपने सर के ताज की
औरों की जलती बस्ती को देख तूने मुस्काया है
बेवश लोगों पर तूने भी, बड़ा कहर बरपाया है
सुलग रही है तेरी बस्ती, तुझे जताने आया हूं
जागो ऐ भारत के बेटों, तुझे जगाने आया हूं।।
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तड़प रही है माता देखो बेटे रहे कराह
रक्षक ही भक्षक बन बैठा, निकले सबकी आह
कहीं बीमारी से बिलखे कहीं भूख मार की झेल रहे
ये दानव गद्दी पर बैठे बस जीवन से खेल रहे
इनके फेरा में नहीं अपना, नेक समय बर्बाद करो
बिलख रही है भारत माता उनको तुम आबाद करो
चेतो अभी समय है तुझको, ये समझाने आया हूं
जागो ऐ भारत के बेटों... तुझे जगाने आया हूं।।
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छोड़ो जाति पंथ के झगड़े मानव धर्म अपनाओ तुम
सत्य सनातन पंथ है प्यारे इसको गले लगाओ तुम
बर, पीपर, पाकड़, नीम, तुलसी चारों ओर उगाओ
सारे फलगर का पेड़ लगाके, धरती आज सजाओ
मानव बस मानव बन जिए ,ऐसा बने समाज
सब लोगों के शीश चढ़ाओ, मानवता की ताज
सुनो बिजेन्द्र उपाय न दूजा, ये बतलाने आया हूं
जागो ऐ भारत के बेटों... तुझे जगाने आया हूं।।
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बिजेन्द्र कुमार तिवारी
🙏बिजेन्दर बाबू🙏
गैरतपुर, मांझी
सारण, बिहार
मोबाइल नंबर:- 7250299200