करना है भगवान तुझे इंसाफ
क्यों कर रहा तू दुनिया साफ
क्यों छीन रहा किसी की माँ
किसी के पिता किसी के भाई
किसी के मांग का सिंदूर
क्यों रुला रहा है सबकों
कितने कष्ट में है दुनिया
रो रही सबकी आँखे
तू क्यों बंद किया अपनी आँखे
आज तुझे देना है ज़बाब
अब तुझे भगवान करना इंसाफ।।।।
अर्पणा दुबे
अनूपपुर मध्यप्रदेश।