अक्षय तृतीया विशेष
कीर्ति चौरसिया
कंठ से गीत तक,गीत से आत्मा में
जो लेकर जाते हैं वह होते हैं *अक्षय सुर* !!
अनुभव से वाणी तक,वाणी से आंखों में,
जो चमकता है,वह होती है *अक्षय बुद्धि*!!
एकांत से शांति तक,शांति से आंनद में
जो प्राप्त होता है वह है *अक्षय आत्मविश्वास* !!
सफलता से अमीरी तक,अमीरी से नम्रता में,
जो प्राप्त होती है वह है *अक्षय मानवता* !!
स्पर्श से आलिंगन तक,आलिंगन से आंसू में
जो निकलती है वह होती है *अक्षय करुणा* !!
ह्रदय से चेहरे तक, चेहरे से मुस्कान में
जो झलकता है वह होता है *अक्षय प्रेम* !!
इक्छा से प्रयास तक,प्रयास से संघर्ष में
जो प्राप्त होती है वह है *अक्षय सफलता* !!
प्रेम से परमात्मा तक ,परमात्मा से साधना में
जो प्राप्त होता है वह है *अक्षय मोक्ष* !!
कीर्ति चौरसिया
जबलपुर ( मध्य प्रदेश)