तराने दिल के गुनगुना लेती हूँ

 

विमल सागर

जहां यादें तुम्हारी हों

वहां महफिल नहीं भाती

बादल गम के होते हैं

नैन बरसात नहीं होती,


जब मैं तन्हा हो जाती हूँ

वहीं जब यादें आती हैं

फोन में देख फोटो को 

अश्क नैना भर लाती हूँ,


वहीं नज्म नाम तेरे के

लबों पर आ ही जाते हैं,

लम्हें बीती यादों के

लब नज्म गुनगुनाने लगते हैं,


वहीँ ख्बावों में आते हो

वहीं जन्नत सी लगती है

मिलन प्रीत का होना है

हिय संगीत मधुर धुन बजती है।।


विमल सागर

बुलन्दशहर

उत्तर प्रदेश

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