परिवेश सुरक्षित मिले तभी ,
नारी शक्ति का मान है ।
नारी सृष्टि , नारी शक्ति ,
नारी गौरव अभिमान है ।।
मंगलऔर सुमन्गल के पल,
खुशियों का आयाम है ।
सहज और ह्रदय स्पर्शी,
मन उज्जवल ,सत धाम है।।
नाम मिले, पहिचान मिले,
दिव्य विश्व कल्याण है ।
नारी सृष्टि,नारी शक्ति ,
नारी गौरव अभिमान है ।।
विश्वास आत्म- विश्वास कभी,
ना टूटे अलख जगाना है ।
स्वाबलंबन की डगर चले ,
ऐसे परिणाम दिलाना है ।।
जिम्मेदारी है हम सबकी ,
सशक्त बोध अरमान है ।
नारी सृष्टि ,नारी शक्ति ,
नारी गौरव अभिमान है ।।
स्वप्न पूर्ण,जागरुक रहें,
ध्यान रहे कर्तव्यों का ।
केवल अधिकारों पर जीना,
मर्म नहीं अस्तित्वों का ।।
सबल सोच सरंक्षण दृढ़ता,
मिशन शक्ति प्रतिमान है ।
नारी सृष्टि, नारी शक्ति ,
नारी गौरव अभिमान है ।।
डॉ अनुज कुमार चौहान "अनुज"
अलीगढ़ (उत्तर प्रदेश)