सरिता त्रिपाठी
लखनऊ। नीलम सक्सेना चंद्रा जी के फेसबुक पेज से 23rd काव्यगोष्ठि का आनलाइन आयोजन संपन्न हुआ। इस कार्यक्रम का संचालन एवं तकनीकी योगदान कवियत्री निवेदिता रॉय जी ने किया। कार्यक्रम में कवियत्री प्रीती भटनागर जी (दिल्ली), कवियत्री सीमा जैन जी (पंजाब), कवियत्री हरप्रीत कौर जी (कानपुर), विशु तिवारी जी (ग्वालियर), एवं निवेदिता रॉय जी (बहरीन) से प्रतिभाग कर अपनी कविताओं को अपने मधुर स्वर में प्रस्तुत किया। प्रसून जी का हार्दिक आभार पोस्टर बनाने के लिए एवं नीलम जी का हम सभी को मंच देने के लिए तहे दिल से शुक्रिया। आप सभी लिंक से जुड़कर हौसला बढ़ाये और काव्यपाठ का आनंद ले। संचालन करते हुए निवेदिता जी ने सरिता जी द्वारा रचित पंक्तियों से कवि/कवियत्रियों का स्वागत किया। विशु जी की पहली काव्य गोष्ठी थी मंच पर उन्होंने अपनी प्रस्तुति से सबका मन मोह लिया, उनकी पहली प्रस्तुति मुक्तक आज के परिदृश्य पर था जिसमें कालाबाजारी का जिकर किया था उन्होंने दूसरी कविता उन्होंने अपनी पत्नी को समर्पित करके लिखी थी अपनी सालगिरह पर जो कि बहुत उम्दा थी। प्रीति जी की भी दोनों कविताएँ बहुत ही भावपूर्ण थी और उनकी प्रस्तुति उतनी ही मनमोहक रही। सीमा जी का भी इस पटल पर यह पहली गोष्ठी थी और उनकी दोनों ही कविताएँ बहुत उत्साहवर्धक रही। हरप्रीत जी और निवेदिता जी ने एक कविता अपने जन्मदिन पर लिखी हुई प्रस्तुत किया और दोनों लोगों की दोनों कविताएँ काबिले तारीफ रही। भविष्य में सभी से इसी तराह की मनमोहक प्रस्तुति का विचार रखते है और श्रोता गणों द्वारा सभी के उत्साहवर्धन की आशा भी।
कवियों की महफ़िल का अंदाज अपना है,
श्रोताओं की खुशियों का मिजाज अपना है,
जुड़ना और जुड़ाना एक दूजे से यूँ बना रहे,
पटल का सबके लिए एक रिवाज अपना है।
©®सरिता त्रिपाठी
लखनऊ, उत्तर प्रदेश