विमल सागर
ढोल बजा बजी शहनाई
गूँजी ध्वनि ढोल नगाड़े शहनाई
खूब नाचते दोस्त संग साथी
गरीब का बेटा खूब रंग बराती,
गेट पर शायद नहीं था डाँटा
मालूम चला ढूँढकर लाये
संग व्हाट्सएप वीडियो बनायें
खुलके नाचा खुल के खाया,
गरीब का बेटा रंग जमाया
रौनक कैसी सब हर्षायें
गरीब बुला के फर्ज निभाये
वाय! वाय !कर विदा कर आये,
डाल दिया मोबाइल सींन है
देखो लाइक मिलियन आये
सबके चेहरे क्या हर्षाये
कभी गरीब लात घूँसे खाये,
क्या खाना ,पानी तक ना पूछा
चोर उच्चका करके पीटा
बाहर गेट एंट्री कार्ड कराना
बिना निमंत्रण कार्ड नहीं आना,
देखो जमाना क्या समझाये
आज मायने दयाभाव बढ़ाये
सेवा करते फोटो पर दिखते
गरीबों की सेवा सब जन करते।।
विमल सागर
बुलन्दशहर
उत्तर प्रदेश