मैं और मेरी मां का रिश्ता
है बड़ा अनोखा,
मेरी मां मेरा रखती बड़ा ध्यान,
कोई भी त्रुटि होने पर मुझे समझाती
प्यार से मुझे निखारती,
हर पल मेरा साथ निभाती,
भूख न लगने पर खाना खिलाती,
मैं और मेरी मां का रिश्ता है निराला
जिसने हर कदम मुझे सम्हाला।
मेरी मां मेरी आंखो मे आंसू आने नही देती,
दुनिया की हर खुशी मुझे देना चाहती है।
अपनी आंखों से अश्क बहाकर
अपने आप से जुदा करती है।
फिर भी हर पल मेरे लिए दिल से
हमेशा दुआ करती है।
हरप्रीत कौर
शाहदरा, दिल्ली