यह जीवन एक कविता

 

ओम प्रकाश श्रीवास्तव ओम

यह जीवन है एक कविता 

भाव है जिसका मानवता।

मानव जन्म जब है पाता,

बहुसपने जहन में लाता,

निज जीवन आनंद पाने,

आगे सदा बढ़ता जाता।


यह जीवन है एक कविता 

भाव है जिसका मानवता।


जब माया की चमक पाता,

मानवता भूल वह जाता,

दिन रात माया चक्कर में,

 जीव आनंद भूल जाता।


यह जीवन है एक कविता 

भाव है जिसका मानवता।


माया का ऐनक उतारो,

जीवन का सार पहचानो,

ये खोखला जीवन तजकर,

सद्विचार का मान मानो।


यह जीवन है एक कविता 

भाव है जिसका मानवता।


सत्य व अहिंसा अपनाओ,

पीड़ितों को गले लगाओ,

कह ओम कविता को अपना,

जीवनाधार तुम बनाओ।


यह जीवन है एक कविता 

भाव है जिसका मानवता।


ओम प्रकाश श्रीवास्तव ओम

तिलसहरी कानपुर नगर

Popular posts
अस्त ग्रह बुरा नहीं और वक्री ग्रह उल्टा नहीं : ज्योतिष में वक्री व अस्त ग्रहों के प्रभाव को समझें
Image
गाई के गोवरे महादेव अंगना।लिपाई गजमोती आहो महादेव चौंका पुराई .....
Image
सफेद दूब-
Image
ठाकुर  की रखैल
Image
गीता का ज्ञान
Image