आई योग प्राणायाम अपनाई,
धरती से कोरोना के बेलाई ।
जे भेजले बा,ई धरती पर,
उहे बा मालिक सबसे ऊपर।
एगो माली फूल रोपेला,
उहे राज ओकर बुझेला।
कहियाओपर फूल फुलाई
कबले रही,कहिया मुरझाई।
जेकर लगावल बा फुलवारी
उहे उखाड़े खर, आ पतवारी ।
नइया फंसल बीच मझधार,
सबके मालिक खेवनहार।
उहे एगो बाड़े सहारा,
मालिक सबके पालनहारा।
आशा सिंह
मोतिहारी पूर्वी चंपारण बिहार
०५/०५/२०२१