एक गजल तेरी याद में



डा.मलय तिवारी

 मुझको तुम्हारी याद ही, तनहाँ नहीं होने देती। 

दर्द देती है तड़प देती है, सदमाँ नहीं होने देती। 

जुनूनें -इश्क़ तेरा इस कदर छाया मुझ पर, 

दिल में किसी भी और को, मेहमाँ नहीं होने देती। 

मेरी दीवानगी की, हर तरफ है चर्चा मगर, 

भरी महफिल में कभी मुझको रुसवा नहीं होने देती।। 

ये भी दिल कश है अदा, छुप के देखना उसका, 

गुजरती पास से मेरे, मगर मजमाँ नहीं होने देती।। 

बिछड़ गई वो "मलय "जाने क्यूँ खफा होकर, 

उसकी चाहत ही है कि मुझको वेवफा होने नहीं देती।। 

            

 डाःमलय तिवारी 

बदलापुर जौनपुर

Popular posts
अस्त ग्रह बुरा नहीं और वक्री ग्रह उल्टा नहीं : ज्योतिष में वक्री व अस्त ग्रहों के प्रभाव को समझें
Image
गाई के गोवरे महादेव अंगना।लिपाई गजमोती आहो महादेव चौंका पुराई .....
Image
दि ग्राम टुडे न्यूज पोर्टल पर लाइव हैं लखीमपुर से कवि गोविंद कुमार गुप्ता
Image
दि ग्राम टुडे न्यूज पोर्टल पर लाइव हैं अनिल कुमार दुबे "अंशु"
Image
दि ग्राम टुडे न्यूज पोर्टल पर लाइव हैं इंदौर मध्यप्रदेश से हेमलता शर्मा भोली बेन
Image