हृदयोद्गार

  


नए जोश की  नई किरण उत्साह भरी ए राहे हो

 हरदम साथ रहे सबके प्रेम भरी ही बातें हो

कभी न रुठे एक दूजे से व्यंग भरी ना ताने हो

 चमके सबका जीवन ऐसे जैसे गगन सितारे हो

 फूल ही फूल खिले उपवन में कहीं न कोई कांटे हो

 दुख रात तमिश्रा भरी हुई किसी की कभी न राते हो

 स्वार्थ भरा ही भाव हो जिसका मित्र ना ऐसे पाले हो

 गलत कभी भी जो बोले लगे ओठ पर ताले हो

 मन से उज्जवल रहे हमेशा तन से चाहे काले हो

सदा ही दिल से प्रेम ही छलके भाव भरी ही आंखें हो

साथ मिले सबका ही हरदम विरोध भरी न चालें हो

 धन-धान्य से सब कुछ भरा रहे कभी ना अन्न के लाले हो


 गिरिराज पांडे

 वीर मऊ 

प्रतापगढ़

Popular posts
अस्त ग्रह बुरा नहीं और वक्री ग्रह उल्टा नहीं : ज्योतिष में वक्री व अस्त ग्रहों के प्रभाव को समझें
Image
गाई के गोवरे महादेव अंगना।लिपाई गजमोती आहो महादेव चौंका पुराई .....
Image
ठाकुर  की रखैल
Image
दि ग्राम टुडे न्यूज पोर्टल पर लाइव हैं अनिल कुमार दुबे "अंशु"
Image
परिणय दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
Image