कुछ ऐसा कर जाएँगे...
एक दिन हम भी कुछ ऐसा कर जाएँगे
तुम सब देखते रह जाओगे
अपनी भी बारी आएगी जिस दिन
उस दिन सबको चुप करा जाएँगे
एक दिन मंजिल तो मिलेगी जरूर हमें
हम भी उस दिन सबको दिखाएंगे
जो तुम कभी सोच भी नही सकते थे
कुछ ऐसा हासिल कर जाएँगे
बहुत सुन लिया हमने तेरा ताना
अब वो वक़्त नही आएगा कभी
एक ऐसा मुकाम हम भी पाएँगे
सफलता की ओर बढ़ते जाएँगे
जो हमनें सोच रखा है इस जीवन में
उसे पुरा करके सबको बताएंगे
हम भी खुशियों के दीप जलाएँगे
जीवन में एक नया इतिहास रचाएंगे
उस दिन तुम याद करोगें
जब कहना होगा कुछ बातें
जब बिताना होगा कुछ लम्हें
मैं न रहूँगी उस दिन तेरे आँगन में
उस दिन तुम याद करोगें
जब जाना होगा कही दूर तुम्हें
जब रहना होगा देश से बाहर तुम्हें
मैं न रहूँगी उस दिन तेरे जीवन में
उस दिन तुम याद करोगें
जब खाना होगा मेरे हाथों का पकवान
जब मन होगा मेरे संग बिताने को रैन
मैं न रहूँगी उस रात तेरे घर में
उस दिन तुम याद करोगें
जब सपनें देखोगें कुछ पल प्यार के
जब रात होगी तेरी तन्हाई की
मैं न रहूँगी उस पल तेरे यादो में
उस दिन तुम याद करोगें
बचपन के वो दिन याद आता है ...
जब जी चाहें वही किया करता था
जो मिलता नही पसंद का तब
रो कर माँ को मना लिया करता था
न पैसे का फिक्र था न कमाने का डर
बस दिन भर यूही आँगन में खेला करता था
जो मन किया खाने को वही मिलता था
न बनाने की कभी कोई झंझट था
न खाने पर भी माँ हाथों से खिलाती थी
न कभी कोई किसी से शिकवा था
अपने ही धुन में हरदम मग्न रहता था
कोई कहता था थोड़ा पढ़ लो
हँस के टाल दिया करता था
दिनभर गांवो की गलियों में
बेमतलब घुमा करता था
हर रोज एक नई खिलौनें
माँ -बाप से जिद किया करता था
अगर नहीं मिलता पसंद का खिलौनें
तो रुठ के बैठ जाया करता था
मिल जाती एक चॉकलेट भी
तो ऐसे खुश हो जाता था
मानो जैसे कोई बड़ी लॉटरी गई हो
लेकिन आज महीनों की कमाई पर
वो सुकून वो खुशी नही मिल पाता हैं
न अपना वक्त किसी के साथ बाँट पता हूँ
न अब कोई जिद कभी कर पाता हूं
न चाहते हुए भी मन मसोर कर रह जाता हूँ
आज तो कभी -कभी भूखा भी सोना पड़ता हैं
दिन -भर कामों के कारण उसमें ही खोया रहता हूं
न वक्त है खेलने की न मन करता उदास होने की
न कोई आँसू पोछने वाला है न कोई खिलाने वाला
सच आज वो बचपन मुझे बहुत याद आता हैं
तुमको भूल न पाएँगे
न जीने की कोई चाहत है
न तन में कोई जान बाकी है
तुमको कभी भूल न पाएँगे
तेरी याद हमेशा मुझे आऐंगे
तेरे साथ सपनों की दुनियां में
हरदम मैं सोई रहती हूं
जो मन मेरा चंचल था कभी
आज ये हरदम उदास रहता हैं
समय तेजी से बीतता जाता था
जब तुम मेरे पास हुआ करता था
तेरे सिवा किसी को अपना नही बनाएंगे
तुमको कभी हम भूल न पाएँगे
तुमसे हैं मेरा..
तुमसे है मेरा वास्ता ,
तुमसे है मेरा जीवन ,
तू है तो मैं हूं जानम
तूमसे है प्यारा रिश्ता ,
मेरी जिंदगी की वो खुशी प्यार हो तुम,
जिसकी बरसो से हमे तालाश थी,
तेरे बिना अब कही दिल न लगें सनम
मेरी जिंदगी की वो अहसास हो तुम
गर्मी का मौसम
देखो आज कितनी गर्मी
गर्म हवा चारों ओर चलती हैं
सूरज भी आसमान में
आग के गोले बन जाते हैं
ग्रीष्म ऋतु इसे कहते हैं
धूप में जाने से सभी बचते हैं
शीतल जल सभी पीते हैं
ठण्डी चीजें दिल को भाते है
गर्मी के मौसम में तालाब भी सुख जाते हैं
कितने मछलियां अपनी प्राण भी त्याग देते हैं
गर्मी के कारण लोग बेहाल हो जाते है
बच्चे अपने नानी दादी के गांव घूमने जाते हैं
इस मौसम में हल्के रंग के कपड़े पहनते हैं
काला वस्त्र पहनने को हर कोई कतराते हैं
आमों का भी यह मौसम कहा जाता हैं
बर्फ कुल्फी कोल्ड्रिंक का इस मौसम में लुफ्त उठाते हैं
मनीषा कुमारी
मुंबई