मेरे हबीब

उदय किशोर साह

मेरे ख्यालात को रंग भर दो

मेरे सोंच को सच कर दो

मेरे सपनों की महल बन जाये

मेरे हबीब तुम जरा मुस्कुरा दो


मेरी चाहत को हवा भर दो

मेरे अरमान की गुलशन सजा दो

मेरी आरजू की सूरत संवर जाये

मेरे हबीब तुम जरा मुस्कुरा दो


मेरे प्यार की चमन खिला दो

मेरे सर की धूप को आँचल की छाँव दे दो

मेरी मूरत को तेरे दिल में जगह मिल जाये

मेरे हबीब तुम जरा मुस्कुरा दो


मेरे नाम की मांग सजा लो

मेरी दुल्हन बन मेरा घर बसा दो

मेरे ऑगन में तूँ तुलसी बन आ जाये

मेरे हबीब तुम जरा मुस्कुरा दो


मेरे नींद को बाँहों में सुला दो

अपनी जुल्फों में मुझे छुपा लो

अनजान नगर में मेरी बस्ती बस जाये

मेरे हबीब तुम जरा मुस्करा दो 


उदय किशोर साह

मो० पो० जयपुर जिला बाँका बिहार

9546115088

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