सायली छंद
ओम प्रकाश श्रीवास्तव ओम
आज
चारों ओर
मौत मंजर छाया
व्यथित हुआ
हृदय।
क्या
मानव जीवन
इतना भयानक अंत
सह पायेगा
कभी।
विकास
चरम सीमा
स्पर्श किया मानव
विनाश मंजर
देखो।
पर्यावरण
बिगाड़ा तूने
प्रकृति कोप सहन
दुष्कर हुआ
मानव।
ओम प्रकाश श्रीवास्तव ओम
कानपुर नगर
मोब 9935117487