डाॕ शाहिदा
हर जगह सजदा किया उसकी तलाश में,
खाक सारी छान डाला उसकी तलाश में |
तारे गिन के रात बीती,गिनती रही अधूरी,
तेज़ धूप में तपता रहा उसकी तलाश में |
नदियों की मौजो में सागर की लहरों में,
बेताब सा यूँ तैरता रहा उसकी तलाश में |
गुलशन और सहरा मे,फूलों की खुश्बू में,
हम रच गयेऔ बस गये उसकी तलाश में |
तूफाँ बनकर सरहद पर भी अकसर हम,
पर्वत से टकरा गये हैं उसकी तलाश में |
इन तपती सड़कों पर कितनी बार चले हैं,
थकीथकी नज़रें अब हैं उसकी तलाश में |